हमारा उद्देश्य !

हमारा उद्देश्य !

हमारी संस्था का मुख्य कार्य गायों और बैलों की रक्षा और उनकी देख-भाल है । बहुत से ऐसे मालिक हैं जो उन गायों से कूड़े या फटे कपड़े की तरह छुटकारा चाहते हैं जिन्हो न ं े जीवन भर उनकी सेवा निष्ठा के साथ की है ।, जिसने उन्हें ताजे दूध से सींचा ,उनके लिए इतने वर्षो ं तक स्वास्थप्रद और स्वदिष्ट दूध दिया। लोग उस गायों को सम्मान नहीं देते और जैसा कि स्वाभाविक है इस सेवा के बदले उनका संहार कर दिया जाता है । हम लोगों को निष्ठा पूर्वक समझाना चाहते हैं कि वे गाय की संभाल कैसे करें । इससे मानव समाज में स्वस्थ वातावरण ,पर्यावरण , आर्थिक विकास,करुणा एवं दया-भाव की निर्मिति में योगदान मिलता है , इससे हमारे आस पास के लोगों में सम्भाव्य प्रसन्नता की मात्रा में वृद्धि हो जाती है । जैसा कि महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक बार कहा था:  “यह संसार एक बहुत ही खराब जगह है , उनका कारण वे नहीं हैं जो बुरे हैं , उनका कारण वे हैं जो बुराई देख कर भी कुछ नहीं करते हैं ।“

इसीलिए धर्मार्थ संस्था के सहभागियों का निर्धारित ध्येय इस प्रकार हंै: गाय की रक्षा और उनकी देख-भाल करना , कारण माता के रूप में गाय पूज्य है और मांसाहार के लिए इसका वध नहीं किया जाना चाहिए । इन उद्देश्यों को हम पारिस्थिक फार्म -गो आश्रय स्थल " COW CARE SPACE " या " COW CARE . SPACE " की स्थापना से प्राप्त कर पाएंगे , जहाँ उनका संहार नहीं किया जाएगा , जहाँ हम उनका प्रजनन कराएंगे ,उन्हें छुडाएंगे और बैलों और गायों का दान करेंगे , प्यार से उनकी देखभाल करेंगे और साधारण पर गौरवान्वित जीवन का आदर्श प्रस्तुत करे ग ं े । धर्मार्थ संस्था के विश्व भर के सहभागियों- स्वयंसेवक, संचार माध्यम , सरकार ,समाज सेवी ,प्रायोजक , शुभेच्छु इत्यादि- के पारस्परिक सहयोग से हम इस उद्देश्य को प्राप्त कर ले ग ं े । हम उन सभी का स्वागत करते हैं जो मानव जाति के भाग्य से उदासीन नहीं हैं । इस मिशन में छोटे से छोटा सहयोग देने वाला भी लाभार्थी बनेगा । हमने मानव जाति का भाग्य क्यों कहा ? कारण हम निष्ठापूर्वक इस अभिव्यक्ति को स्वीकार करते हैं कि: एक खराब शुरुवात ही एक खराब अन्त का मार्ग प्रशस्त करती है ! कर्म का सिद्धान्त ! यही सत्य है , हम इस पर विश्वास करें या न करें , यह अटल है ,और हमें अपने अतीत के कर्मो ं  के फल को भुगतने को विवश करती है , चाहे वह अच्छा हो या बुरा । जब आप गायों की सहायता करते हैं तो आप अच्छे कर्म कर रहे हैं और सबसे बड़ी बात है कि आप अपनी माताओं में से एक की रक्षा कर रहे हैं । प्राचीन परम्परा में लोग गौ माता, धरती माता, अपनी जननी माँ , रानी ,पुरोहित की पत्नी एवं गुरु माँ की पूजा करते थे ।

“गौ माता मातृ ऊर्जा का साकार स्वरूप हैं । यदि इस संसार में गायों का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा तो यह संसार मातृ-विहीन हो जाएगा ,एवं इसके परिणामस्वरूप अन्य जीवित प्राणियों का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा । “ ( महाभारत , अनुशासन पर्व )

हमारी संस्था के अस्तित्व का आधार दान 1⁄4धनराशि , भू-भाग, गाय, बैल, चारा,निर्माण सामग्री इत्यादि1⁄2 है । हम विषय सम्बन्धी मेलों का आयोजन करते हैं और सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं को सहयोग भी प्रदान करते हैं । हमें राज्य से अनुदान और सब्सिडी भी मिलती है । हम संस्था में स्वयं सेवकों , चरवाहों एवं पशु चिकित्सकों को आमंत्रित करते हैं। हम हर प्रकार की सहायता और सहयोग का स्वागत करते हैं । आपके सहयोग से ही हम विकास कर सकते हैं और अच्छे कर्मो ं को निरन्तर जारी रख सकते हैं । आप किसी भी गाय को आजन्म गोद ले कर और उसकी सहायता करके हमारी संसथा के सदस्य बन सकते हैं और हमारे साझा उद्देश् य की प्राप्ति में योगदान कर सकते हैं । आपको यह आभास हुआ होगा कि किसी नेक या परमार्थ का कार्य करने से खुश् ाी मिलती है और हृदय में आनन्द दायक शान्ति का संचार होता है । इस प्रसन्नता के पीछे अच्छाई की शक्ति होती है । हमारी दुनिया में इस शक्ति का स्रोत पृथ्वी एवं गाय है । वास्तव में जब व्यक्ति इस शक्ति-पं ज ु के सम्पर्क में आता है तब वह धीरे-धीरे उस ऊर्जा के स्वभाव और गुणों को ग्रहण करता है । आज गायों का कत्ल किया जा रहा है , जमीन में जहर घोला जा रहा है युद्ध, भुखमरी और गरीबी विश्व का गला घो ट ं रहे हैं । यह मानव जाति की सभ्यता और संस् कृति के ठीक विपरीत है । इसलिए हमारी गौ रक्षा एवं संरक्षण धर्मार्थ संस्था " COW CARE SPACE " आधुनिक मानव संस् कृति में प्रेम और संरक्षण के संस्कार का संचार कर रही है ।

“ शायद हम उन सभी को न बचा पाएं ,जिन्हें हम बचाना चाहते हैं लेकिन हम उन लोगों से कहीं ज्यादा प्राणियों को बचा पाएंगे जो इसके लिए कोई चेष्टा ही नहीं करते । “ पीटर स्काॅट

हमारी संस्था में कर्तव्यों की संख्या अनन्त है एवं इस कार्य के लिए आपका सहयोग अपेक्षित है । मानवता को इस प्रचलित उदासीनता और क्रूरता को त्यागने के लिए हम सभी के संगठित प्रयास की आवश्यकता है । न केवल हमें दान के रूप में धनराशि की आवश्यकता है बल्कि हर देख-भाल करने वाले व्यक्ति के लिए शुभेच्छा एवं आशीर्वाद भी प्रार्थनीय है । आप संस्था की सहायता करके सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके द्वारा दान की गई सहयोग राशि का उपयोग किस प्रकार किया जाएगा , हमारे कार्यक्रमों में से किसी एक का चयन करिए, जिसके लिए आप दान देना चाहते हैं या आपने दान के लिए कार्यक्रम का चुनाव हम पर छोड़ दीजिए । किसी भी दशा में आपके सहयोग का निरादर नहीं होगा और न ही उसका दुरुपयोग होगा और आप इस तरह एक अच्छा काम करे ग े जो सम्पूर्ण समाज के विकास में सहयोगी होगा ।

“जब तक मनुष्य अपने से कमजोर प्राणियों का निर्दयी विध्वंसक बना रहेगा, वह स्वास्थ्य और शान्ति को जान भी नहीं पाएगा । जब तक मनुष्य जानवरों का कत्ल करता रहेगा तब तक वह एक दूसरे का ही विनाश करता रहेगा । वास्तव में कत्ल और दर्द का सृजन करने वाला आनन्द और प्रेम का पान नहीं कर सकता ।“ पाइथोगोरस

लोग यह नहीं समझते क्यो िं क वे जानवरों का कत्ल बिना किसी प्रतिबन्ध के करते रहते हैं इसीलिए उनकी मृत्यु किसी महान युद्ध में भी किसी कत्ल की तरह होगी । यह विशेष रूप से पश्चिमी देशों में स्पष्ट परिलक्षित होता है । पश्चिमी देशों में सरकारें कत्लखानों की गतिविधियों पर रोक नहीं लगाती हैं । इसी कारण वहाँ हर पाँच या दस वर्षो ं में युद्ध छिड़ जाता है, जिसके दौरान असंख्य लोग मारे जाते हैं तथा जानवरों की अपेक्षा और भी दुर्दान्त तरीके से उनकी हत्या कर दी जाती है । “ श्रीला प्रभुपाद

एक साथ रह कर हम अपने पड़ोसी के प्रति दया और सहानुभूति का भाव सीखते हैं और इन कल्याणकारी गायों के समकक्ष हम अपने को बेहतर बना पाते हैं । हमारी संस्था से जुड ं ़ , े उसके सदस्य बनें , गाय की देख-भाल करे , ं और अच्छे कर्मो ं को सम्पादित करते हुए संसार को एक बेहतर अवस्था में पहुँचाएं । आप में से हर एक को धन्यवाद , आपके सहयोग से ही संसार ओजस्वी और स्नेही बन पाएगा ।

सादर, COW CARE.SPACE संस्था की टीम